Importance of financial planning :-
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!दोस्तों आज हम जानेंगे कि importance of financial planning ( वित्तीय योजना का महत्त्व ) । अर्थात् हम किस प्रकार से अपनी financial planning करके चले ताकि हमारे आगे के जीवन में हमारा अच्छी तरह से जीवन व्यापन हो सके और हम financial रूप से मजबूत हो सके ।
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Meaning of financial planning :-
दोस्तों जीवन में financial planning का बहुत महत्व है । हम देखते हैं कि हमारे समाज में चारों और financial planning की बात सभी कर रहे हैं , लेकिन सभी अपना-अपना अलग अलग मतलब निकाल रहे हैं। बैंकिंग संस्थाए और उससे जुड़े हुए लोग बैंकिंग संबंधी जानकारी देकर उसे financial planning बता रहें है , share market में share trading को financial योजना बता रहें है, mutual fund वाले mutual fund निवेश को financial planning बता रहे हैं। लेकिन कोई ये बताने को तैयार ही नहीं है कि कैसे हम financial planning या वित्तीय रूप से स्वतंत्र होंगे ?
इसी प्रकार financial planning के कई तरह से अर्थ समझ सकते हैं objectives of financial planning , objectives of financial plan , significane of financial plan , financial planning objectives etc.
हम जानते हैं कि किसी भी व्यक्ति के लिए वित्तीय योजना बनाना सबसे महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसके बिना आप अपने भविष्य को मज़बूत नहीं बना पाएंगे। दोस्तों वित्तीय योजना बनाना इतना मुश्किल काम नहीं है । बस आपको योजना के हिसाब से अपने आप को ढालना पड़ेगा। जैसा कि मैंने आपको शुरुआत में ही बताया कि financial planning के साथ में आपको अपने emotions को भी control करना पड़ेगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूँ, क्योंकि financial planning की सबसे बड़ी दोस्त बचत(saving ) है। आप बचत करेंगे, तभी पैसा बनेगा और पैसा बनेगा तभी तो निवेश के लिए योजना बनाई जाएगी।
Financial Planning की शुरुआत :-
दोस्तों financial planning को हम इन चार fectors से समझते है-
Importance of financial planning :-
1. Earning ( कमाई )
2. Spending ( खर्च )
3. Saving ( बचत )
4. Investing (निवेश )
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आप जब कमाने लग जाते हैं, तो बाकि के तीन fectors आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाते हैं। Financial planning की शुरुआत यहीं से होती है, जब आप इन चारों फैक्टर्स को गहराई से समझ जाते हैं। आपका महीने का ख़र्च कितना होना चाहिए? इस पर आपकी पकड़ बन जाए, तो फिर मान लीजिए की आपने वित्तीय योजना का 50 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है। अब इसके बाद आपको हर महीने की बचत का अनुमान लग जाएगा। अब इस बचत में से कितना आपको निवेश करना है और कितना fund liquid रखना है यानी कितना अपने पास कैश में रखना है, यही आपको सोचना पड़ेगा। जब निवेश की बात आती है, तो फिर बहुत सारे प्रश्न आपके सामने खड़े हो जाते है, जिसके समाधान के लिए आपको expert’s की सहायता लेनी पड़ सकती है। अब मैं साधारण शब्दों में कहूँ तो दोस्तों ये प्रक्रिया ही financial planning कहलाती है, जो आपको कुछ वर्षों में वित्तीय रूप से मज़बूत और स्वतंत्र बनाती है।
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आपको निवेश के बारे में सोचने से पहले बचत के बारे में सोचना पड़ेगा और बचत करने के लिए कमाई बढ़ाने के साथ-साथ अपने खर्चों को नियंत्रित करना भी ज़रूरी है। मैंने कई लोगों को निवेश के लिए भी लोन लेते हुए देखा है। इसके दो ही कारण हो सकते हैं-
आपके पास बचत नहीं है या फिर आप लालच कर रहे हैं। कुछ ऐसी स्थितियाँ भी देखी गई हैं कि लोग अपनी सैलरी को ज़्यादा रिटर्न के लिए शेयर बाज़ार में लगा रहे हैं और अपना खर्चा क्रेडिट कार्ड से कर रहे हैं। अब यदि ऐसी स्थिति में आपके शेयर बाज़ार के निवेश का रिटर्न नहीं आ पाया और आपकी सैलरी भी निवेश के चक्कर में फँस गई, तो जनाब अब क्या होगा?
मेरे हिसाब से real rich की मानसिकता को समझाने के साथ आपको financial planning के महत्त्व को समझना ज़रूरी है।
कहा भी गया है
” रिटर्न बहुत मायने रखता है। यह हमारी पूंजी है।”
By अबीगैल जॉनसन
इस प्रकार दोस्तों आपको ये जानकारी कैसी लगी comment करके जरूर बताएं और आगे आपको किस topic पर जानकारी चाहिए वो भी comment में जरुर बताए ।
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